Home Hindi जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण हेतु कानून लाए सरकार : सरसंघचालक

जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण हेतु कानून लाए सरकार : सरसंघचालक

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विहिप द्वारा आयोजित धर्म सभाओ में जुटे लाखों रामभक्तों ने भरी हुंकार

नई दिल्ली, 25 नवंबर 2018 | विश्व हिन्दू परिषद् द्वारा आज अयोध्या, नागपुर, मेंगलूरु, हुबली गुवाहाटी व शाहजहांपुर समेत देश में अनेक स्थानों पर आयोजित धर्मसभाओं में उपस्थित पूज्य संतों, धर्माचार्यों विहिप पदाधिकारियों व अन्य राम भक्तों ने एक स्वर में केंद्र सरकार से कहा कि श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण की बाधाओं को अबिलम्ब दूर करे. उन्होंने कहा कि लगभग पाँच शताब्दियों से हिन्दू समाज भगवान श्रीराम की जन्मभूमि की मुक्ति के लिए संघर्षरत है जिनमें एक शताब्दी से अधिक समय न्यायालयों के चक्कर लगाने में व्यतीत हो गए फिर भी न्याय नहीं मिला. अब बारी रामभक्त सरकार की है कि वह जन भावनाओं का सम्मान करते हुए जन्मभूमि मंदिर का मार्ग प्रशस्त करे.

भगवान श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास, रामानंदाचार्य रामभद्राचार्य जी, स्वामी हंसदेवाचार्य, वासुदेवाचार्य युग पुरुष परमानंद तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह-सरकार्यवाह श्री कृष्ण गोपाल जी, विहिप उपाध्यक्ष श्री चम्पतराय ने कहा कि रामजन्मभूमि का विभाजन अस्वीकार्य है.  अब अयोध्या में राम के अलावा कुछ भी स्वीकार्य नहीं.

विश्व हिन्दू परिषद् द्वारा नागपुर में बुलाई गई धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहन राव भागवत ने केंद्र सरकार को श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण हेतु अविलम्ब कानून बनाने की अपनी मांग दोहराते हुए कहा कि सदियों से प्रतीक्षारत हिन्दू समाज अब और बिलंब नहीं चाहता. इसी मंच से विहिप कार्याध्यक्ष व वरिष्ठ अधिवक्ता श्री आलोक कुमार ने संसदीय कानून का विरोध करने वालों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि न्यायालय में विषय लंबित होते हुए भी कानून बनाने में किसी भी प्रकार की अड़चन नहीं है. लोकतंत्र में संसद का जन-हित में कानून बनाने का अधिकार क्षेत्र असीमित है. अत: इसमें और किसी प्रकार का विचार या विलम्ब हिन्दू समाज के लिए पीड़ादायक होगा. राम जन्मभूमि आन्दोलन के प्रारम्भ से जुडी दीदी माँ साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि जिस दिन माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने मात्र तीन मिनिट में बिना किसी पक्षकार को सुने श्रीराम जन्मभूमि मामले की सुनवाई तीन महीने के लिए बिना बेंच के गठन के ही यह कह कर टाल दी कि इसकी अभी कोई जल्दी नहीं है, हिन्दू समाज स्वयं को ठगा हुए सा महसूस करने लगा है. अब वह आखिर जाए तो किधर जाए. संसद व राम भक्त सरकार से ही तो अब उसे आशा है. स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि जन्मभूमि स्थानांतरित नहीं हो सकती. उन्होंने पूछा कि देश के लिए कोर्ट है या कोर्ट के लिए लिए देश है. कोर्ट को भी देश की जनभावनाओं का सम्मान करना चाहिए. हुंकार सभा की अध्यक्षता करते हुए जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने कहा कि भगवान श्रीराम के यूँ तो असंख्य मंदिर हैं किन्तु  जन्मभूमि का मंदिर तो जन्म भूमि पर ही बनेगा ना. अब और देर असहनीय है.

हुबली में हुई धर्म सभा में श्री पूज्य महा मंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानन्द गिरी जी महाराज, स्वामी बसवालिंग महास्वामी, पू श्रीश्रीश्री सिध्द शिवयोगी जी, जैन मुनि ज्योतिषाचार्य डा हेम चन्द्र सूरीश्वर जी के अलावा विहिप के क्षेत्रीय संगठन मंत्री श्री केशव हेगड़े तथा प्रांत संगठन मंत्री श्री केशव राजू ने रामजन्म भूमि पर भव्य मन्दिर हेतु संसद द्वारा कानून बनाने की मांग करते हुए कहा कि अब हिन्दू समाज की भावनाओं का सम्मान सभी राजनैतिक लोगों को करना ही होगा.

मेंगलूरू की धर्मसभा में पूज्य श्री वीरेन्द्र हेगड़े व बजरंग दल के राष्ट्रीय संयोजक श्री सोहन सिंह सोलंकी ने राम भक्तों का आह्वाहन करते हुये कहा कि जन्मभूमि पर मंदिर के अलावा न कुछ स्वीकार्य है और न ही इसमें किसी भी प्रकार की देरी अब और बर्दास्त होगी. बजरंग दल के युवा अब भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण हेतु पूज्य संतो के आदेशों के पालन हेतु कृत संकल्पित है.

Courtesy: RSS